Monday, December 18, 2017

संस्मरण - भाग एक बिहार में आज भी सडके धूल की गुबार उडाती है -- 18-12-17-

संस्मरण - भाग एक
बिहार में आज भी सडके धूल की गुबार उडाती है --
कहलगांव --
तारीख दस दिसम्बर अपनी बेटी के संग कहलगांव की यात्रा में सुभ आठ बजे निकला रिक्शे से चर्चा तक पहुचा ही था बस मिल गयी बनारस की सडक खराब होने के कारण यात्रा में ऐसा महसूस हुआ की हम शहर की सडक पर नही फादो के बेतरतीब सडको पर यात्रा कर रहे है , फिलहाल हाफ्तें - दाबते बस ड्राइवर ने गाडी के समय से पहले उतार दिया सोचा की रिक्शा कर लूँ पर वाह रे बनारस दस कदम जाने का रिक्शावान पचास रुपया मांग रहा था सो पैदल ही आगे बढ़ गया मैं हम और लिपि दोनों स्टेशन पहुचे उसने डिस्प्ले देखा उसके बाद हम लोग प्लेटफ़ार्म नौ की ओर बढ़े पुल पर पहुचे ही थे बेटी ने बोला यही रुको ट्रेन आ जाये तो चलते है , मेरे साथ हर बार यही होता है कि जिस प्लेटफ्राम पर ट्रेन आणि है अंतिम समय में बदल जाती है | मैंने मुस्कुराकर उसकी ऑर देखा ठीक है यही बैठकर इन्तजार कर लेते है | हम दोनों फरक्का एक्सप्रेस का इन्तजार करने लगे अपनी आदत के अनुसार फरक्का जिस दिन से शुरू हुई है कभी भी राईट टाइम से वो नही आई है हुआ भी यही वो अपने नियत समय से करीब दो घंटे लेट से आई | हम लोग आगे यात्रा पे बढ़ चले हम लोग जिस कूपे में थे उसमे दो नौजवान और भी आ गये | ट्रेन जब चल पड़ी तो अचानक एक नौजवान ने मुझसे पूछा अंकल जी कहा जायेंगे मैंने उत्तर दिया कहलगांव तक उसके बाद खामोश हो गया वो बड़ी बारीक नजरो से मुझे देखता रहा और मैं अपनी अलग धुन में खिड़की के बहार भागते खेतो को देख रहा थातभी एक आवाज आई अंकल जी कहा तक जाइयेगा आप हमने उत्तर दिया कहलगांव तक और मौन हो आया वो नौजवान कोशिश में लगा रहा बात करने को अचानक उसने मेरा अखबार का परिचय पत्र देख लिया फिर पूछा कि आप मिडिया से है मैंने कहा हाँ अब उसने बात आगे बढ़ा दिया | मैंने उस नौजवान से उसका नाम पूछा उसने अपना नाम अमरेन्द्र तिवारी बताया उसका काम पूछा तो उसने बताया की वो बी बी सी न्यूज चैनल में न्यूज एडिट करने कार्य करता है , अब तक इतना परिचय हो चूका था सो मैंने उससे पूछा अगर कहलगांव से सडक यात्रा करना हो तो तिवारी जी ने उत्तर दिया ट्रेन से यात्रा तो सरल है यहाँ सडक यात्रा बहुत कठिन है | मेरी नजर एक सवालिया निशाँ बना रही थी उसने आगे कहा अब क्या बताऊ अंकल जी मैंने भागलपुर से पटना की धुल उडती सडक की तस्वीर खीचकर तेजस्वी यादव जी को दिखाया और सडक के सुधर की बात किया तो उन्होंने कहा की यह सडक तो बिहार की नही है कही और की तस्वीर काहे दिखा रहे हो आपको ट्रेन सही समय में चार घंटे में भागलपुर से पटना पहुचा देगा पर सडक मार्ग से धुल से लथपथ करीब नौ घंटे में पहुचेंगे बिहार में सरकार ने सडक परिवहन पे कोई काम नही किया है | यहाँ सारी  सुविधा ट्रेन की है सडक की नही है | क्रमश :

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